About Puja
"आपके जीवन के शुभारंभ का पर्व”
मनुष्य का संपूर्ण जीवन सुखमय, निरोगी, दीर्घायु एवं समृद्धि पूर्ण रहे इसके निमित्त शास्त्रों और धर्मग्रंथों में विभिन्न प्रकार की पूजा पद्धतियों का उल्लेख किया गया है, उन्हीं पूजाओं के अन्तर्गत् है जन्मदिवस पूजा।
जन्मदिवस पूजा को हम जन्मोत्सव संस्कार, वर्धापन संस्कार या जन्मदिवस पूजा के नाम से जानते हैं। जन्मदिन या "जन्म दिवस" प्रत्येक व्यक्ति (बच्चा,जवान,महिला,बुजुर्ग) के जीवन का महत्वपूर्ण दिवस होता है। प्रथम वर्ष पूर्ण होने के बाद शिशु(बालक\बालिका) या परिवार के किसी भी सदस्य का जन्मोत्सव देवपूजा एवं पितृपूजा के साथ करना चाहिए। बालक या बालिका की अवस्था (उम्र) छोटी हो तो उनका जन्मोत्सव पिता या परिवार के ज्येष्ठजन (बड़े) प्रतिनिधि के रूप में करें तथा बड़े होने पर स्वयं संपन्न करें। इसके साथ ही माता पिता, दादा-दादी का जन्मोत्सव स्वयं पुत्र को करना चाहिए, यह भी एक सद्पुत्र का विशेष कर्तव्य होता है।
जन्मदिवस का दिन वह दिन होता है जब हम जीवन के नए चरण में प्रवेश करते हैं। सनातन परम्परा में जन्मदिवस पूजा का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन में आने वाले शुभ अवसरों को साकार करने और जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है। इस पूजा के माध्यम से पञ्चतत्व निर्मित शरीर का शोधन किया जाता है एवं सभी देवी-देवताओं एवं अष्टचिरंजीवियों की उपासना की जाती है।
"सनातन" आपके लिए इस पूजा को ऑनलाइन पूजा पंडित सेवा के रूप में प्रदान करता है, ताकि आप अपने घर बैठे ही इस पवित्र अनुष्ठान का लाभ उठा सकें। हमारी सेवाओं के साथ, आप घर बैठे अपने जन्म दिवस को एक आध्यात्मिक अनुभव में बदल सकते हैं, जिसमें आप अपने जीवन को सुखी, स्वस्थ और समृद्ध बनाने के लिए भगवान् से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
Process
जन्मोत्सव पूजा प्रयोग विधि :-
- स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
- प्रतिज्ञा सङ्कल्प
- गणपति गौरी पूजन
- कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
- कुलदेवता का आवाहन एवं पूजन
- पञ्चतत्व पूजन
- जन्म नक्षत्र देवता साथ 45 देवताओं का आवाहन एव पूजन
- मारकण्डेय आदि सप्त चिरजीवियों का पूजन
- षष्ठी देवी एवं गौमाता का पूजन
- नवग्रह पूजन एवं प्रार्थना
- तिलगुडमिश्रित दुग्धपान
- हवन यजमान स्वयं निश्चित करें।
- अंग्रेजी महीने के अनुसार भी किया जा सकता है।
नोट - सनातन धर्म में सभी संस्कार तिथि के अनुसार ही निश्चित किया जाता है।
Benefits
- शांति और सुख - जन्मदिवस पूजा व्यक्ति के जीवन में मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।
- स्वास्थ्य की उन्नति - यह पूजा व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के लिए की जाती है।
- संपत्ति और समृद्धि - जन्मदिवस पूजा से जीवन में धन और संपत्ति की वृद्धि होती है।
- कष्टों से मुक्ति - जीवन में आने वाली कठिनाइयों और बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति - यह पूजा आत्मशुद्धि एवं भगवान् से विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए होती है।
- प्रेरणा और मार्गदर्शन – यह पूजा व्यक्ति को जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।
- दोषरहित बुद्धि, मेधा के विस्तार के लिए जन्मोत्सव पूजा मनाने की शास्त्रीय परम्परा है।
Puja Samagri
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रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीर, गुलाल, अभ्रक, गङ्गाजल, गुलाबजल, इत्र, शहद, धूपबत्ती, रुईबत्ती, रुई, यज्ञोपवीत, पीला सरसों, देशी घी, कपूर, माचिस, जौ, दोना छोटा, पञ्चमेवा, अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला, चावल (छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री ,पीला कपड़ा सूती, हवन सामग्री, कमल गट्टा -21, घी, गुड़(बूरा या शक्कर), पानपत्ता, हवन कुण्ड, नवग्रह समिधा, घृत पात्र, कुशा, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध -100ML, दही -50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार, फल विभिन्न प्रकार (आवश्यकतानुसार), दूर्वादल (घास) - 1मुठ, पान का पत्ता – 05, पुष्प विभिन्न प्रकार -2 kg, पुष्पमाला -5(विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव –2, थाली -2 , कटोरी -5 ,लोटा -2 , चम्मच -2 आदि , अखण्ड दीपक -1, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित , पानी वाला नारियल, देवताओं के लिए वस्त्र -गमछा , धोती आदि, बैठने हेतु दरी, चादर, आसन ।