About Puja

औषधि सूक्त, विशेष प्रकार का सूक्त है, जिसका उल्लेख ऋग्वेद के दशम मण्डल के १७ वें सूक्त में प्राप्त होता है। इस सूक्त के ऋषि आथर्वण-भिषग्, देवता औषधि और छन्द अनुष्टुप् है। सूक्त में कुल 23 ऋचाएं हैं, जिसमें देवस्वरूप औषधियों से रोग निवारण, दीर्घायु तथा आनंद की प्राप्ति हेतु प्रार्थना की गयी है। औषधियों का प्राकट्य देवताओं से भी पूर्व है (या औषधी: पूर्वा जाता देवेभ्य:)  ऐसा इस सूक्त में वर्णित है। औषधियां माता के समान पालन पोषण करने वाली अनन्तशक्ति संपन्न हैं। इनका उद्देश्य शारीरिक, बौद्धिक तथा मानसिक विकारों से सुरक्षा प्रदान करना है। औषधि सूक्त का पाठ विशेष रूप से उन लोगों के लिए कल्याणकारी माना जाता है, जो शारीरिक, मानसिक आदि विभिन्न रोगों से ग्रसित हैं। औषधि सूक्त के माध्यम से समस्त रोगों का निवारण होता है। इस सूक्त का अनुष्ठानात्मक पाठ कर रोगों को दूर किया जाता है। 

Process

औषधि सूक्त पाठ प्रयोग विधि:-

  • स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  • प्रतिज्ञा सङ्कल्प
  • गणपति गौरी पूजन
  • कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  • षोडशमातृका पूजन
  • सप्तघृतमातृका पूजन
  • आयुष्यमन्त्रपाठ
  • नवग्रह मण्डल पूजन
  • अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  • पञ्चलोकपाल, दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  • रक्षाविधान 
  • प्रधान देवता पूजन
  • पंचभूसंस्कार
  • अग्नि स्थापन
  • ब्रह्मा वरण 
  • कुशकण्डिका
  • आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  • घृताहुति
  • मूलमन्त्र आहुति 
  •  चरुहोम
  • भूरादि नौ आहुति
  •  स्विष्टकृत आहुति
  • पवित्रप्रतिपत्ति
  • संस्रवप्राशन 
  • मार्जन
  • पूर्णपात्र दान
  • प्रणीता विमोक
  • मार्जन 
  • बर्हिहोम 
  • पूर्णाहुति, आरती, भोग, विसर्जन  आदि
Benefits
  • स्वास्थ्य में सुधार :- औषधि सूक्त पूजा का मुख्य उद्देश्य शारीरिक रोगों और मानसिक विकारों का निवारण करना है। यह पूजा रोगों से मुक्ति प्राप्त करने में सहायक होती है और व्यक्ति के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।
  • मन की शांति : मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करने के लिए औषधि सूक्त पूजा अत्यधिक लाभकारी है। 
  • आध्यात्मिक शुद्धि :- यह पूजा व्यक्ति की आत्मिक शुद्धि करने का कार्य करती है। यह न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाती है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्राप्त कराती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार :- पूजा के समय मंत्रों का उच्चारण वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे घर और परिवार में शांति और समृद्धि का वास होता है।
  • रोगों से सुरक्षा :- औषधि सूक्त पूजा शारीरिक और मानसिक रोगों से सुरक्षा प्रदान करती है। 
Puja Samagri

रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीर, गुलाल, अभ्रक, गङ्गाजल, गुलाबजल, इत्र, शहद, धूपबत्ती, रुईबत्ती, रुई, यज्ञोपवीत, पीला सरसों, देशी घी, कपूर, माचिस, जौ, दोना बड़ा साइज, पञ्चमेवा, गरी गोला, चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री, पीला कपड़ा सूती, काला तिल, चावल, कमलगट्टा, हवन सामग्री, घी, गुग्गुल, गुड़ (बूरा या शक्कर), बलिदान हेतु पापड़, काला उडद, पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी, हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच, नवग्रह समिधा, हवन समिधा, घृत पात्र, कुशा, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध - 100ML, दही - 50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार, फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार ), दूर्वादल (घास ) - 1मुठ, पान का पत्ता – 07, पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg, पुष्पमाला - 5 ( विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव – 2, तुलसी पत्र -7, पानी वाला नारियल, बिल्वपत्र, देवताओं के लिए वस्त्र -गमछा, धोती आदि, बैठने हेतु दरी,चादर,आसन, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित

जी हां, औषधि सूक्त पूजा शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए की जाती है। यह स्वास्थ्य में सुधार और शांति का कारण बनती है।

हां, सनातन के माध्यम से आप इस पूजा को ऑनलाइन करवा सकते हैं। हमारे पंडितजी आपकी पूजा को विधिपूर्वक ऑनलाइन संपन्न करेंगे।

नहीं, आपको शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है। आप ऑनलाइन पूजा का लाभ ले सकते हैं और पूजा का लाइव प्रसारण देख सकते हैं।

पूजा के बाद विशेष आहार की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन प्रसाद ग्रहण करना शुभ माना जाता है।

हां, यह पूजा मानसिक शांति, तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करने के लिए भी की जाती है।

About Puja

औषधि सूक्त, विशेष प्रकार का सूक्त है, जिसका उल्लेख ऋग्वेद के दशम मण्डल के १७ वें सूक्त में प्राप्त होता है। इस सूक्त के ऋषि आथर्वण-भिषग्, देवता औषधि और छन्द अनुष्टुप् है। सूक्त में कुल 23 ऋचाएं हैं, जिसमें देवस्वरूप औषधियों से रोग निवारण, दीर्घायु तथा आनंद की प्राप्ति हेतु प्रार्थना की गयी है। औषधियों का प्राकट्य देवताओं से भी पूर्व है (या औषधी: पूर्वा जाता देवेभ्य:)  ऐसा इस सूक्त में वर्णित है। औषधियां माता के समान पालन पोषण करने वाली अनन्तशक्ति संपन्न हैं। इनका उद्देश्य शारीरिक, बौद्धिक तथा मानसिक विकारों से सुरक्षा प्रदान करना है। औषधि सूक्त का पाठ विशेष रूप से उन लोगों के लिए कल्याणकारी माना जाता है, जो शारीरिक, मानसिक आदि विभिन्न रोगों से ग्रसित हैं। औषधि सूक्त के माध्यम से समस्त रोगों का निवारण होता है। इस सूक्त का अनुष्ठानात्मक पाठ कर रोगों को दूर किया जाता है। 

Process

औषधि सूक्त पाठ प्रयोग विधि:-

  • स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  • प्रतिज्ञा सङ्कल्प
  • गणपति गौरी पूजन
  • कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  • षोडशमातृका पूजन
  • सप्तघृतमातृका पूजन
  • आयुष्यमन्त्रपाठ
  • नवग्रह मण्डल पूजन
  • अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  • पञ्चलोकपाल, दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  • रक्षाविधान 
  • प्रधान देवता पूजन
  • पंचभूसंस्कार
  • अग्नि स्थापन
  • ब्रह्मा वरण 
  • कुशकण्डिका
  • आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  • घृताहुति
  • मूलमन्त्र आहुति 
  •  चरुहोम
  • भूरादि नौ आहुति
  •  स्विष्टकृत आहुति
  • पवित्रप्रतिपत्ति
  • संस्रवप्राशन 
  • मार्जन
  • पूर्णपात्र दान
  • प्रणीता विमोक
  • मार्जन 
  • बर्हिहोम 
  • पूर्णाहुति, आरती, भोग, विसर्जन  आदि
Benefits
  • स्वास्थ्य में सुधार :- औषधि सूक्त पूजा का मुख्य उद्देश्य शारीरिक रोगों और मानसिक विकारों का निवारण करना है। यह पूजा रोगों से मुक्ति प्राप्त करने में सहायक होती है और व्यक्ति के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।
  • मन की शांति : मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करने के लिए औषधि सूक्त पूजा अत्यधिक लाभकारी है। 
  • आध्यात्मिक शुद्धि :- यह पूजा व्यक्ति की आत्मिक शुद्धि करने का कार्य करती है। यह न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाती है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्राप्त कराती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार :- पूजा के समय मंत्रों का उच्चारण वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे घर और परिवार में शांति और समृद्धि का वास होता है।
  • रोगों से सुरक्षा :- औषधि सूक्त पूजा शारीरिक और मानसिक रोगों से सुरक्षा प्रदान करती है। 

Puja Samagri

रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीर, गुलाल, अभ्रक, गङ्गाजल, गुलाबजल, इत्र, शहद, धूपबत्ती, रुईबत्ती, रुई, यज्ञोपवीत, पीला सरसों, देशी घी, कपूर, माचिस, जौ, दोना बड़ा साइज, पञ्चमेवा, गरी गोला, चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री, पीला कपड़ा सूती, काला तिल, चावल, कमलगट्टा, हवन सामग्री, घी, गुग्गुल, गुड़ (बूरा या शक्कर), बलिदान हेतु पापड़, काला उडद, पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी, हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच, नवग्रह समिधा, हवन समिधा, घृत पात्र, कुशा, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध - 100ML, दही - 50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार, फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार ), दूर्वादल (घास ) - 1मुठ, पान का पत्ता – 07, पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg, पुष्पमाला - 5 ( विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव – 2, तुलसी पत्र -7, पानी वाला नारियल, बिल्वपत्र, देवताओं के लिए वस्त्र -गमछा, धोती आदि, बैठने हेतु दरी,चादर,आसन, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित

जी हां, औषधि सूक्त पूजा शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए की जाती है। यह स्वास्थ्य में सुधार और शांति का कारण बनती है।

हां, सनातन के माध्यम से आप इस पूजा को ऑनलाइन करवा सकते हैं। हमारे पंडितजी आपकी पूजा को विधिपूर्वक ऑनलाइन संपन्न करेंगे।

नहीं, आपको शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है। आप ऑनलाइन पूजा का लाभ ले सकते हैं और पूजा का लाइव प्रसारण देख सकते हैं।

पूजा के बाद विशेष आहार की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन प्रसाद ग्रहण करना शुभ माना जाता है।

हां, यह पूजा मानसिक शांति, तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करने के लिए भी की जाती है।
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औषधि सूक्त पाठ एवं होम

सूक्त पाठ एवं हवन | Duration : 3 Hours
Price : ₹ 2100 onwards
Price Range: 2100 to 5100

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