About Puja

धनान्नदान अर्थात् 'धन और अन्न का दान'। जैसा की नाम से ही स्पष्ट है की सूक्त में धन एवं अन्न दान की महिमा वर्णित की गयी है। ऋग्वेद के दशम मण्डल का ११७ वाँ यह सूक्त है। इसके मंत्रद्रष्टा ऋषि “भिक्षुरांगिरस” हैं तथा प्रथम और द्वितीय ऋचा में जगती छन्द एवं अन्य ऋचाओं में त्रिष्टुप् छन्द है। इस सूक्त के मन्त्र उपदेशपरक एवं नैतिक शिक्षाओं से पूर्ण हैं। लोक में दान एवं दानी की अपार महिमा है, ऐसा इस सूक्त में वर्णित है। धर्मग्रंथों में धन की सार्थकता दानशीलता में मानी गयी है। धनान्नदान सूक्त पूजा के माध्यम से हम भगवान् विष्णु, देवी लक्ष्मी, माता अन्नपूर्णा आदि  देवताओं से धन और सुख की प्राप्ति की कामना करते हैं। धनान्नदान सूक्त व्यक्ति को धन के साथ-साथ मानसिक संतुलन और आंतरिक शांति भी प्रदान करता है। इसका पाठ करने से जीवन में सभी प्रकार की समृद्धि, ऐश्वर्य और सम्मान की प्राप्ति है।

Process

धनान्नदान सूक्त पाठ प्रयोग विधि:-

  • स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  • प्रतिज्ञा सङ्कल्प
  • गणपति गौरी पूजन
  • कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  • षोडशमातृका पूजन
  • सप्तघृतमातृका पूजन
  • आयुष्यमन्त्रपाठ
  • नवग्रह मण्डल पूजन
  • अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  • पञ्चलोकपाल, दशदिक्पाल, वास्तुपुरुष आवाहन एवं पूजन 
  • रक्षाविधान 
  • प्रधान देवता पूजन
  • पंचभूसंस्कार
  • अग्नि स्थापन
  • ब्रह्मा वरण 
  • कुशकण्डिका
  • आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  • घृताहुति
  • मूलमन्त्र आहुति 
  •  चरुहोम
  • भूरादि नौ आहुति
  •  स्विष्टकृत आहुति
  • पवित्रप्रतिपत्ति
  • संस्रवप्राशन 
  • मार्जन
  • पूर्णपात्र दान
  • प्रणीता विमोक
  • मार्जन 
  • बर्हिहोम 
  • पूर्णाहुति, आरती, भोग, विसर्जन  आदि
Benefits
  • धन और अन्न की प्राप्ति :- इस पूजा के माध्यम से भगवान् विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा से धन और समृद्धि प्राप्त होती है। यह पूजा व्यक्ति के जीवन में धन के स्रोतों के नए आयाम खोलती है, और वित्तीय समृद्धि को बढ़ाती है।
  • व्यापार में वृद्धि :- जो लोग व्यापार या व्यवसाय में हैं, उनके लिए यह पूजा बहुत लाभकारी होती है। पूजा के माध्यम से व्यापार में वृद्धि, लाभ और सफलता प्राप्त होती है।
  • कर्ज मुक्ति :- धनान्नदान सूक्त पूजा ऋण से मुक्ति प्राप्त करने के लिए एक शक्तिशाली साधन है। यह व्यक्ति को वित्तीय कठिनाइयों से बाहर निकालने में मदद करता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार :- पूजा से घर और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह न केवल धन और समृद्धि को आकर्षित करता है, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करता है।
  • जीवन में खुशहाली और समृद्धि :- इस पूजा से जीवन में खुशहाली, सुख-शांति, और समृद्धि आती है। व्यक्ति का मन प्रसन्न रहता है, और जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों को पार करने की शक्ति प्राप्त होती है।
Puja Samagri

रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीर, गुलाल, अभ्रक, गङ्गाजल, गुलाबजल, इत्र, शहद, धूपबत्ती, रुईबत्ती, रुई, यज्ञोपवीत, पीला सरसों, देशी घी, कपूर, माचिस, जौ, दोना बड़ा साइज, पञ्चमेवा, गरी गोला, चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री, पीला कपड़ा सूती, काला तिल, चावल, कमलगट्टा, हवन सामग्री, घी, गुग्गुल, गुड़ (बूरा या शक्कर), बलिदान हेतु पापड़, काला उडद, पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी, हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच, नवग्रह समिधा, हवन समिधा, घृत पात्र, कुशा, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध - 100ML, दही - 50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार, फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार ), दूर्वादल (घास ) - 1मुठ, पान का पत्ता – 07, पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg, पुष्पमाला - 5 ( विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव – 2, तुलसी पत्र -7, पानी वाला नारियल, बिल्वपत्र, देवताओं के लिए वस्त्र -गमछा, धोती आदि, बैठने हेतु दरी,चादर,आसन, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित

No FAQs Available

About Puja

धनान्नदान अर्थात् 'धन और अन्न का दान'। जैसा की नाम से ही स्पष्ट है की सूक्त में धन एवं अन्न दान की महिमा वर्णित की गयी है। ऋग्वेद के दशम मण्डल का ११७ वाँ यह सूक्त है। इसके मंत्रद्रष्टा ऋषि “भिक्षुरांगिरस” हैं तथा प्रथम और द्वितीय ऋचा में जगती छन्द एवं अन्य ऋचाओं में त्रिष्टुप् छन्द है। इस सूक्त के मन्त्र उपदेशपरक एवं नैतिक शिक्षाओं से पूर्ण हैं। लोक में दान एवं दानी की अपार महिमा है, ऐसा इस सूक्त में वर्णित है। धर्मग्रंथों में धन की सार्थकता दानशीलता में मानी गयी है। धनान्नदान सूक्त पूजा के माध्यम से हम भगवान् विष्णु, देवी लक्ष्मी, माता अन्नपूर्णा आदि  देवताओं से धन और सुख की प्राप्ति की कामना करते हैं। धनान्नदान सूक्त व्यक्ति को धन के साथ-साथ मानसिक संतुलन और आंतरिक शांति भी प्रदान करता है। इसका पाठ करने से जीवन में सभी प्रकार की समृद्धि, ऐश्वर्य और सम्मान की प्राप्ति है।

Process

धनान्नदान सूक्त पाठ प्रयोग विधि:-

  • स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  • प्रतिज्ञा सङ्कल्प
  • गणपति गौरी पूजन
  • कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  • षोडशमातृका पूजन
  • सप्तघृतमातृका पूजन
  • आयुष्यमन्त्रपाठ
  • नवग्रह मण्डल पूजन
  • अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  • पञ्चलोकपाल, दशदिक्पाल, वास्तुपुरुष आवाहन एवं पूजन 
  • रक्षाविधान 
  • प्रधान देवता पूजन
  • पंचभूसंस्कार
  • अग्नि स्थापन
  • ब्रह्मा वरण 
  • कुशकण्डिका
  • आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  • घृताहुति
  • मूलमन्त्र आहुति 
  •  चरुहोम
  • भूरादि नौ आहुति
  •  स्विष्टकृत आहुति
  • पवित्रप्रतिपत्ति
  • संस्रवप्राशन 
  • मार्जन
  • पूर्णपात्र दान
  • प्रणीता विमोक
  • मार्जन 
  • बर्हिहोम 
  • पूर्णाहुति, आरती, भोग, विसर्जन  आदि
Benefits
  • धन और अन्न की प्राप्ति :- इस पूजा के माध्यम से भगवान् विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा से धन और समृद्धि प्राप्त होती है। यह पूजा व्यक्ति के जीवन में धन के स्रोतों के नए आयाम खोलती है, और वित्तीय समृद्धि को बढ़ाती है।
  • व्यापार में वृद्धि :- जो लोग व्यापार या व्यवसाय में हैं, उनके लिए यह पूजा बहुत लाभकारी होती है। पूजा के माध्यम से व्यापार में वृद्धि, लाभ और सफलता प्राप्त होती है।
  • कर्ज मुक्ति :- धनान्नदान सूक्त पूजा ऋण से मुक्ति प्राप्त करने के लिए एक शक्तिशाली साधन है। यह व्यक्ति को वित्तीय कठिनाइयों से बाहर निकालने में मदद करता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार :- पूजा से घर और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह न केवल धन और समृद्धि को आकर्षित करता है, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करता है।
  • जीवन में खुशहाली और समृद्धि :- इस पूजा से जीवन में खुशहाली, सुख-शांति, और समृद्धि आती है। व्यक्ति का मन प्रसन्न रहता है, और जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों को पार करने की शक्ति प्राप्त होती है।

Puja Samagri

रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीर, गुलाल, अभ्रक, गङ्गाजल, गुलाबजल, इत्र, शहद, धूपबत्ती, रुईबत्ती, रुई, यज्ञोपवीत, पीला सरसों, देशी घी, कपूर, माचिस, जौ, दोना बड़ा साइज, पञ्चमेवा, गरी गोला, चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री, पीला कपड़ा सूती, काला तिल, चावल, कमलगट्टा, हवन सामग्री, घी, गुग्गुल, गुड़ (बूरा या शक्कर), बलिदान हेतु पापड़, काला उडद, पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी, हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच, नवग्रह समिधा, हवन समिधा, घृत पात्र, कुशा, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध - 100ML, दही - 50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार, फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार ), दूर्वादल (घास ) - 1मुठ, पान का पत्ता – 07, पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg, पुष्पमाला - 5 ( विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव – 2, तुलसी पत्र -7, पानी वाला नारियल, बिल्वपत्र, देवताओं के लिए वस्त्र -गमछा, धोती आदि, बैठने हेतु दरी,चादर,आसन, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित

No FAQs Available

No_images

धनान्नदान सूक्त पाठ एवं होम

वैदिक सूक्तपाठ एवं होम | Duration : 3 Hours
Price : ₹ 2100 onwards
Price Range: 2100 to 5100

img img

पूजा, मुहूर्त या परामर्श के लिए हमसे जुड़ें

शुभ मुहूर्त, अनुष्ठान या आध्यात्मिक समस्याओं पर विशेषज्ञ सलाह प्राप्त करें।
हमारे अनुभवी पंडितों से जुड़ें।

whatsapp