About Puja

लक्ष्मी पूजा का आयोजन धन की देवी लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य धन, संपत्ति, और आध्यात्मिक समृद्धि की प्राप्ति कराना है। दीपावली का यह पर्व अत्यंत प्राचीन और और सम्पूर्ण भारतवर्ष में प्रचलित पर्व है । भगवान् श्रीराम के चौदह वर्ष पूर्ण होने के पश्चात् जब भगवान् राम वापस आये उस समय अयोध्या लौटने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने दीप जलाये । यह भी एक परम्परा है ।

इस दिन घर एवं व्यवसाय स्थल पर माता लक्ष्मी की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। पूजा के अंतर्गत् लक्ष्मी गणेश,अष्टलक्ष्मी, अष्ट सिद्धि,भगवान् कुबेर,देहली विनायक, लेखनी, तुला एवं दीपमाला का पूजन किया जाता है ।  लक्ष्मी पूजा के माध्यम से न केवल सांसारिक समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि यह पूजा भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति भी प्रदान करती है। सनातन के साथ आप इस पूजा का आयोजन ऑनलाइन पूजा बुक करके कर सकते हैं, जिससे आप अपने घर में लक्ष्मी माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे ।

Process
  • स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  • पूजा-सङ्कल्प
  • गणेश गौरी पूजन
  • कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  • पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  • षोडशमातृका पूजन
  • सप्तघृतमातृका पूजन
  • नवग्रह मण्डल पूजन
  • अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  • पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  • रक्षाविधान
  • प्रधान देवता पूजन
  • प्रधान देव गणपति लक्ष्मी पूजन
  • अङ्ग पूजन
  • अष्टसिद्धि पूजन
  • अष्टलक्ष्मी पूजन
  • देहली विनायक पूजन
  • महाकाली (दवात) पूजन
  • लेखनी पूजन
  • सरस्वती (पञ्जिका बही-खाता)
  • कुबेर पूजन तिजोरी में
  • तुला पूजन
  • दीपमालिका पूजन
  • प्रधान आरती प्रसाद वितरण
Benefits
  • धन और समृद्धि की प्राप्ति: लक्ष्मी पूजा से घर में धन और संपत्ति का वास होता है। व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
  • नकारात्मकता से मुक्ति: पूजा से घर और जीवन में आने वाली नकारात्मकता दूर होती है। यह व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करती है।
  • आध्यात्मिक समृद्धि: लक्ष्मी माता की पूजा से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति और समृद्धि मिलती है।
  • सुख और शांति: पूजा के माध्यम से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। परिवार में सामंजस्य और प्रेम बढ़ता है।
  • व्यावसायिक सफलता: इस पूजा का विशेष महत्व उन लोगों के लिए है जो व्यापार या व्यवसाय करते हैं। पूजा से व्यापार में सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।
  • स्तोत्र पाठ :- दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की प्रसन्नता एवं कृपा प्राप्ति हेतु “कनकधारा स्तोत्र” तथा “श्रीसूक्त” का पाठ करें या कराएँ ऐसा करने से धन की प्राप्ति तथा  व्यापार में वृद्धि  होती है।
Puja Samagri
  • रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीरगुलाल, अभ्रकगङ्गाजल, गुलाबजलइत्र, शहदधूपबत्ती, रुईबत्ती, रुईयज्ञोपवीत, पीला सरसोंदेशी घी, कपूरमाचिस, जौदोना छोटा, पञ्चमेवाअष्टगन्ध चन्दन, गरी गोलाचावल (छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री ,पीला कपड़ा सूतीहवन सामग्री, कमल गट्टा -21, घीगुड़(बूरा या शक्कर), पानपत्ता, बलिदान हेतु पापड़, काला उडद, हवन कुण्ड, नवग्रह समिधाघृत पात्र, कुशा, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध -100ML, दही -50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसारफल विभिन्न प्रकार (आवश्यकतानुसार), दूर्वादल (घास) - 1मुठ, पान का पत्ता – 05, पुष्प विभिन्न प्रकार -2 kg, पुष्पमाला -5(विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव –2, थाली -2 , कटोरी -5 ,लोटा -2 , चम्मच -आदि , अखण्ड दीपक -1, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित , पानी वाला नारियल, देवताओं के लिए वस्त्र -गमछा धोती  आदि, बैठने हेतु दरी, चादर, आसन 

नहीं, महालक्ष्मी पूजा को किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन दीवाली के दिन इसका विशेष महत्व है।

नहीं, पूजा के दौरान व्रत रखना अनिवार्य नहीं है, लेकिन व्रत रखने से पूजा का महत्व बढ़ जाता है।

हां, सनातन पर पूजा बुक करना बेहद आसान है। आप हमारी वेबसाइट पर पंजीकरण करके पूजा का समय और पंडित का चयन कर सकते हैं।

हां, महालक्ष्मी पूजा से व्यापार में सफलता, उन्नति और समृद्धि प्राप्त होती है।

हां, पूजा के बाद प्रसाद का ग्रहण करना बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह लक्ष्मी माता का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका है।

About Puja

लक्ष्मी पूजा का आयोजन धन की देवी लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य धन, संपत्ति, और आध्यात्मिक समृद्धि की प्राप्ति कराना है। दीपावली का यह पर्व अत्यंत प्राचीन और और सम्पूर्ण भारतवर्ष में प्रचलित पर्व है । भगवान् श्रीराम के चौदह वर्ष पूर्ण होने के पश्चात् जब भगवान् राम वापस आये उस समय अयोध्या लौटने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने दीप जलाये । यह भी एक परम्परा है ।

इस दिन घर एवं व्यवसाय स्थल पर माता लक्ष्मी की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। पूजा के अंतर्गत् लक्ष्मी गणेश,अष्टलक्ष्मी, अष्ट सिद्धि,भगवान् कुबेर,देहली विनायक, लेखनी, तुला एवं दीपमाला का पूजन किया जाता है ।  लक्ष्मी पूजा के माध्यम से न केवल सांसारिक समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि यह पूजा भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति भी प्रदान करती है। सनातन के साथ आप इस पूजा का आयोजन ऑनलाइन पूजा बुक करके कर सकते हैं, जिससे आप अपने घर में लक्ष्मी माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे ।

Process
  • स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  • पूजा-सङ्कल्प
  • गणेश गौरी पूजन
  • कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  • पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  • षोडशमातृका पूजन
  • सप्तघृतमातृका पूजन
  • नवग्रह मण्डल पूजन
  • अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  • पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  • रक्षाविधान
  • प्रधान देवता पूजन
  • प्रधान देव गणपति लक्ष्मी पूजन
  • अङ्ग पूजन
  • अष्टसिद्धि पूजन
  • अष्टलक्ष्मी पूजन
  • देहली विनायक पूजन
  • महाकाली (दवात) पूजन
  • लेखनी पूजन
  • सरस्वती (पञ्जिका बही-खाता)
  • कुबेर पूजन तिजोरी में
  • तुला पूजन
  • दीपमालिका पूजन
  • प्रधान आरती प्रसाद वितरण
Benefits
  • धन और समृद्धि की प्राप्ति: लक्ष्मी पूजा से घर में धन और संपत्ति का वास होता है। व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
  • नकारात्मकता से मुक्ति: पूजा से घर और जीवन में आने वाली नकारात्मकता दूर होती है। यह व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करती है।
  • आध्यात्मिक समृद्धि: लक्ष्मी माता की पूजा से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति और समृद्धि मिलती है।
  • सुख और शांति: पूजा के माध्यम से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। परिवार में सामंजस्य और प्रेम बढ़ता है।
  • व्यावसायिक सफलता: इस पूजा का विशेष महत्व उन लोगों के लिए है जो व्यापार या व्यवसाय करते हैं। पूजा से व्यापार में सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।
  • स्तोत्र पाठ :- दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की प्रसन्नता एवं कृपा प्राप्ति हेतु “कनकधारा स्तोत्र” तथा “श्रीसूक्त” का पाठ करें या कराएँ ऐसा करने से धन की प्राप्ति तथा  व्यापार में वृद्धि  होती है।

Puja Samagri
  • रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीरगुलाल, अभ्रकगङ्गाजल, गुलाबजलइत्र, शहदधूपबत्ती, रुईबत्ती, रुईयज्ञोपवीत, पीला सरसोंदेशी घी, कपूरमाचिस, जौदोना छोटा, पञ्चमेवाअष्टगन्ध चन्दन, गरी गोलाचावल (छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री ,पीला कपड़ा सूतीहवन सामग्री, कमल गट्टा -21, घीगुड़(बूरा या शक्कर), पानपत्ता, बलिदान हेतु पापड़, काला उडद, हवन कुण्ड, नवग्रह समिधाघृत पात्र, कुशा, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध -100ML, दही -50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसारफल विभिन्न प्रकार (आवश्यकतानुसार), दूर्वादल (घास) - 1मुठ, पान का पत्ता – 05, पुष्प विभिन्न प्रकार -2 kg, पुष्पमाला -5(विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव –2, थाली -2 , कटोरी -5 ,लोटा -2 , चम्मच -आदि , अखण्ड दीपक -1, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित , पानी वाला नारियल, देवताओं के लिए वस्त्र -गमछा धोती  आदि, बैठने हेतु दरी, चादर, आसन 

नहीं, महालक्ष्मी पूजा को किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन दीवाली के दिन इसका विशेष महत्व है।

नहीं, पूजा के दौरान व्रत रखना अनिवार्य नहीं है, लेकिन व्रत रखने से पूजा का महत्व बढ़ जाता है।

हां, सनातन पर पूजा बुक करना बेहद आसान है। आप हमारी वेबसाइट पर पंजीकरण करके पूजा का समय और पंडित का चयन कर सकते हैं।

हां, महालक्ष्मी पूजा से व्यापार में सफलता, उन्नति और समृद्धि प्राप्त होती है।

हां, पूजा के बाद प्रसाद का ग्रहण करना बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह लक्ष्मी माता का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका है।
Goddess Lakshmi

दीपावली एवं महालक्ष्मी पूजा

व्रतोत्सव त्यौहार | Duration : 2 Hrs 30 min
Price : ₹ 3100 onwards
Price Range: 3100 to 5500

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