About Puja

कृषि सूक्त, जैसा की नाम से ही बोध होता है कि यह सूक्त कृषि कल्याण से सम्बंधित है। कृषि सूक्त का उल्लेख अथर्ववेद के तीसरे काण्ड के 17 वें सूक्त में किया गया है। इस सूक्त के ऋषि विश्वामित्र तथा देवता सीता है। इस सूक्त के मंत्रद्रष्टा ऋषि ने कृषि एवं कृषि कार्य को सौभाग्य की वृद्धि करने वाला बताया है। कृषि कार्य सर्वोत्तम कार्य है, और इसी कार्य से मानव जाति का भरण-पोषण होता है। प्राणों की रक्षा एवं अन्न की उत्त्पति कृषि से ही होती है। ऋतुकाल की अनुकूलता, भूमि की स्थिति और कठिन परिश्रम कृषि कार्य के लिए आवश्यक है। वृष्टि के देवता इन्द्र भूमि को उत्तम जल (वृष्टि) से सींचें और भगवान् सूर्य अत्यंत ऊर्जा से पूर्ण अपनी किरणों के द्वारा भूमि की रक्षा करें,  इस प्रकार की कामना ऋषियों ने देवताओं से की है। कृषि सूक्त का पाठ भूमि और कृषि कार्यों में सफलता का कारण बनता है। इस सूक्त का प्रभाव केवल खेती तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह समृद्धि, जीवन की उन्नति और मानसिक शांति को भी बढ़ाता है। इस सूक्त में आभार, दान और प्राकृतिक संसाधनों के प्रति कृतज्ञता का आदान-प्रदान किया जाता है, जिससे व्यक्ति का जीवन प्रत्येक दृष्टिकोण से उन्नति की ओर अग्रसर होता है।

Process

कृषि सूक्त पाठ प्रयोग विधि:-

  • स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  • प्रतिज्ञा सङ्कल्प
  • गणपति गौरी पूजन
  • कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  • षोडशमातृका पूजन
  • सप्तघृतमातृका पूजन
  • आयुष्यमन्त्रपाठ
  • नवग्रह मण्डल पूजन
  • अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  • पञ्चलोकपाल, दशदिक्पाल, वास्तुपुरुष आवाहन एवं पूजन 
  • रक्षाविधान  
  • प्रधान देवता पूजन
  • पंचभूसंस्कार
  • अग्नि स्थापन
  • ब्रह्मा वरण 
  • कुशकण्डिका
  • आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  • घृताहुति
  • मूलमन्त्र आहुति 
  •  चरुहोम
  • भूरादि नौ आहुति
  •  स्विष्टकृत आहुति
  • पवित्रप्रतिपत्ति
  • संस्रवप्राशन 
  • मार्जन
  • पूर्णपात्र दान
  • प्रणीता विमोक
  • मार्जन 
  • बर्हिहोम 
  • पूर्णाहुति, आरती, भोग, विसर्जन  आदि
Benefits
  • अन्न भण्डार वृद्धि – इस सूक्त का पाठ करने से घर के अन्न भण्डार में वृद्धि होती है।
  • भाग्य विस्तार हेतु :- कृषि सूक्त का पाठ करने से मनुष्य के भाग्य का विस्तार होता है।
  • भूमि रक्षा :- भूमि की रक्षा एवं उपज के निमित्त भी यह सूक्त परम आवश्यक है।
  • वृष्टि हेतु :- कृषि की उर्वरक क्षमता के विकास हेतु वृष्टि करने की लिए भी इस सूक्त का पाठ किया जाता है ।
  • रस युक्त औषधि प्राप्ति हेतु :- भूमि हमें रस युक्त औषधि प्रदान करे ऐसी प्रार्थना भूदेवी से की जाती है।
Puja Samagri

रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीर, गुलाल, अभ्रक, गङ्गाजल, गुलाबजल, इत्र, शहद, धूपबत्ती, रुईबत्ती, रुई, यज्ञोपवीत, पीला सरसों, देशी घी, कपूर, माचिस, जौ, दोना बड़ा साइज, पञ्चमेवा, गरी गोला, चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री, पीला कपड़ा सूती, काला तिल, चावल, कमलगट्टा, हवन सामग्री, घी, गुग्गुल, गुड़ (बूरा या शक्कर), बलिदान हेतु पापड़, काला उडद, पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी, हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच, नवग्रह समिधा, हवन समिधा, घृत पात्र, कुशा, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध - 100ML, दही - 50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार, फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार ), दूर्वादल (घास ) - 1मुठ, पान का पत्ता – 07, पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg, पुष्पमाला -5 ( विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव –2, तुलसी पत्र -7, पानी वाला नारियल, बिल्वपत्र, देवताओं के लिए वस्त्र -गमछा, धोती आदि, बैठने हेतु दरी,चादर,आसन, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित

'कृषि सूक्त' पूजा का उद्देश्य कृषि में उन्नति, भूमि की उर्वरता में वृद्धि और समृद्धि करना है। इसके अलावा, यह मानसिक शांति, प्राकृतिक शक्तियों का आशीर्वाद और जीवन के हर पहलू में सुख-शांति की प्राप्ति में भी सहायक है।

नहीं, यह पूजा केवल किसानों के लिए नहीं है। यदि आप किसी प्रकार के व्यवसाय या अन्य किसी कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो भी 'कृषि सूक्त' का पाठ किया जा सकता है। यह किसी भी क्षेत्र में समृद्धि प्राप्त करने के लिए मददगार है।

हां, सनातन के माध्यमस से आप 'कृषि सूक्त' पूजा को पूर्ण पारंपरिक विधि से ऑनलाइन आयोजित करते हैं। आप हमारी वेबसाइट पर जाकर पूजा का समय और तिथि निर्धारित कर सकते हैं, और हमारे पंडित इस पूजा को आपके लिए पूरी श्रद्धा और विधि से संपन्न करेंगे।

नहीं, आप चाहें तो 'कृषि सूक्त' का पाठ हमारे विशेषज्ञ पंडितों द्वारा करवा सकते हैं। वे इसे सही विधि और उच्चारण के साथ करेंगे। यदि आप चाहें, तो आप स्वयं भी इसका पाठ कर सकते हैं, और हम आपको सही तरीके से मन्त्रों का उच्चारण सिखाने में मदद करेंगे।

हां, पूजा के दौरान कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है। पूजा सामग्री की सूची हम आपको प्रदान करते हैं । इसमें आप अपनी इच्छानुसार विकल्प का चयन कर सकते हैं।

About Puja

कृषि सूक्त, जैसा की नाम से ही बोध होता है कि यह सूक्त कृषि कल्याण से सम्बंधित है। कृषि सूक्त का उल्लेख अथर्ववेद के तीसरे काण्ड के 17 वें सूक्त में किया गया है। इस सूक्त के ऋषि विश्वामित्र तथा देवता सीता है। इस सूक्त के मंत्रद्रष्टा ऋषि ने कृषि एवं कृषि कार्य को सौभाग्य की वृद्धि करने वाला बताया है। कृषि कार्य सर्वोत्तम कार्य है, और इसी कार्य से मानव जाति का भरण-पोषण होता है। प्राणों की रक्षा एवं अन्न की उत्त्पति कृषि से ही होती है। ऋतुकाल की अनुकूलता, भूमि की स्थिति और कठिन परिश्रम कृषि कार्य के लिए आवश्यक है। वृष्टि के देवता इन्द्र भूमि को उत्तम जल (वृष्टि) से सींचें और भगवान् सूर्य अत्यंत ऊर्जा से पूर्ण अपनी किरणों के द्वारा भूमि की रक्षा करें,  इस प्रकार की कामना ऋषियों ने देवताओं से की है। कृषि सूक्त का पाठ भूमि और कृषि कार्यों में सफलता का कारण बनता है। इस सूक्त का प्रभाव केवल खेती तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह समृद्धि, जीवन की उन्नति और मानसिक शांति को भी बढ़ाता है। इस सूक्त में आभार, दान और प्राकृतिक संसाधनों के प्रति कृतज्ञता का आदान-प्रदान किया जाता है, जिससे व्यक्ति का जीवन प्रत्येक दृष्टिकोण से उन्नति की ओर अग्रसर होता है।

Process

कृषि सूक्त पाठ प्रयोग विधि:-

  • स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  • प्रतिज्ञा सङ्कल्प
  • गणपति गौरी पूजन
  • कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  • षोडशमातृका पूजन
  • सप्तघृतमातृका पूजन
  • आयुष्यमन्त्रपाठ
  • नवग्रह मण्डल पूजन
  • अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  • पञ्चलोकपाल, दशदिक्पाल, वास्तुपुरुष आवाहन एवं पूजन 
  • रक्षाविधान  
  • प्रधान देवता पूजन
  • पंचभूसंस्कार
  • अग्नि स्थापन
  • ब्रह्मा वरण 
  • कुशकण्डिका
  • आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  • घृताहुति
  • मूलमन्त्र आहुति 
  •  चरुहोम
  • भूरादि नौ आहुति
  •  स्विष्टकृत आहुति
  • पवित्रप्रतिपत्ति
  • संस्रवप्राशन 
  • मार्जन
  • पूर्णपात्र दान
  • प्रणीता विमोक
  • मार्जन 
  • बर्हिहोम 
  • पूर्णाहुति, आरती, भोग, विसर्जन  आदि
Benefits
  • अन्न भण्डार वृद्धि – इस सूक्त का पाठ करने से घर के अन्न भण्डार में वृद्धि होती है।
  • भाग्य विस्तार हेतु :- कृषि सूक्त का पाठ करने से मनुष्य के भाग्य का विस्तार होता है।
  • भूमि रक्षा :- भूमि की रक्षा एवं उपज के निमित्त भी यह सूक्त परम आवश्यक है।
  • वृष्टि हेतु :- कृषि की उर्वरक क्षमता के विकास हेतु वृष्टि करने की लिए भी इस सूक्त का पाठ किया जाता है ।
  • रस युक्त औषधि प्राप्ति हेतु :- भूमि हमें रस युक्त औषधि प्रदान करे ऐसी प्रार्थना भूदेवी से की जाती है।

Puja Samagri

रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीर, गुलाल, अभ्रक, गङ्गाजल, गुलाबजल, इत्र, शहद, धूपबत्ती, रुईबत्ती, रुई, यज्ञोपवीत, पीला सरसों, देशी घी, कपूर, माचिस, जौ, दोना बड़ा साइज, पञ्चमेवा, गरी गोला, चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री, पीला कपड़ा सूती, काला तिल, चावल, कमलगट्टा, हवन सामग्री, घी, गुग्गुल, गुड़ (बूरा या शक्कर), बलिदान हेतु पापड़, काला उडद, पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी, हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच, नवग्रह समिधा, हवन समिधा, घृत पात्र, कुशा, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध - 100ML, दही - 50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार, फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार ), दूर्वादल (घास ) - 1मुठ, पान का पत्ता – 07, पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg, पुष्पमाला -5 ( विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव –2, तुलसी पत्र -7, पानी वाला नारियल, बिल्वपत्र, देवताओं के लिए वस्त्र -गमछा, धोती आदि, बैठने हेतु दरी,चादर,आसन, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित

'कृषि सूक्त' पूजा का उद्देश्य कृषि में उन्नति, भूमि की उर्वरता में वृद्धि और समृद्धि करना है। इसके अलावा, यह मानसिक शांति, प्राकृतिक शक्तियों का आशीर्वाद और जीवन के हर पहलू में सुख-शांति की प्राप्ति में भी सहायक है।

नहीं, यह पूजा केवल किसानों के लिए नहीं है। यदि आप किसी प्रकार के व्यवसाय या अन्य किसी कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो भी 'कृषि सूक्त' का पाठ किया जा सकता है। यह किसी भी क्षेत्र में समृद्धि प्राप्त करने के लिए मददगार है।

हां, सनातन के माध्यमस से आप 'कृषि सूक्त' पूजा को पूर्ण पारंपरिक विधि से ऑनलाइन आयोजित करते हैं। आप हमारी वेबसाइट पर जाकर पूजा का समय और तिथि निर्धारित कर सकते हैं, और हमारे पंडित इस पूजा को आपके लिए पूरी श्रद्धा और विधि से संपन्न करेंगे।

नहीं, आप चाहें तो 'कृषि सूक्त' का पाठ हमारे विशेषज्ञ पंडितों द्वारा करवा सकते हैं। वे इसे सही विधि और उच्चारण के साथ करेंगे। यदि आप चाहें, तो आप स्वयं भी इसका पाठ कर सकते हैं, और हम आपको सही तरीके से मन्त्रों का उच्चारण सिखाने में मदद करेंगे।

हां, पूजा के दौरान कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है। पूजा सामग्री की सूची हम आपको प्रदान करते हैं । इसमें आप अपनी इच्छानुसार विकल्प का चयन कर सकते हैं।
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कृषि सूक्त पाठ एवं होम

सूक्त पाठ एवं हवन | Duration : 3 Hours
Price : ₹ 2100 onwards
Price Range: 2100 to 5100

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