About Puja

"मन्यु सूक्त" अद्भुत मन्त्रों का समूह है, जिसका पाठ विशेष रूप से मनुष्य में उत्साह शक्ति के संचार हेतु किया जाता है। ऋग्वेद में दशम मण्डल के अन्तर्गत् ८३,८४ वाँ यह सूक्त प्राप्त होता है। मन्यु सूक्त में मन्युदेवता परक मन्त्र हैं जिस कारण ये मन्त्र मन्युसुक्त कहलाते हैं। इस दोनों सूक्तों के ऋषि मन्युस्तापस हैं। सूक्त में मन्युदेवता का अर्थ परम उत्साह शक्ति संपन्न देवता के स्वरुप में किया गया है। सूक्त में मन्त्रों के माध्यम से ऋषि ने मनुष्य की उत्साहशक्ति को ईश्वरीय परमशक्ति के साथ जोड़ा है एवं प्रार्थना की है, हे देव ! आप हमारी प्रार्थना स्वीकार करें एवं विभिन्न कार्यों के निमित्त हमें सामर्थ्य प्रदान करें, जिससे हम काम, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष, मोह, लोभ, मात्सर्य इत्यादि दोषों पर विजय प्राप्त कर सकें। भगवान् मन्यु में इन्द्र, वरुण, आदि देवताओं की शक्ति प्रतिष्ठित बतलाई गयी है। इस सूक्त में "मन्यु" शब्द के विभिन्न अर्थ हैं -“क्रोध, साहस, शक्ति आदि। यह सूक्त व्यक्ति के मानसिकशक्ति और आत्मविश्वास को जागृत करता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो मानसिक रूप से किसी कार्य को करते हुए स्वयं को महसूस करते हैं, या जिनमें आत्सामबल की कमी होती है, ऐसे जातकों को यह अनुष्ठान संपन्न करना चाहिए।

Process

मन्यु सूक्त पाठ में प्रयोग विधि :-

  • स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  • पूजा सङ्कल्प
  • गणपति गौरी पूजन
  • कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  • षोडशमातृका पूजन
  • सप्तघृतमातृका पूजन
  • आयुष्यमन्त्रपाठ
  • नवग्रह मण्डल पूजन
  • अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  • पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  • रक्षाविधान 
  • प्रधान देवता पूजन
  • पंचभूसंस्कार
  • अग्नि स्थापन
  • ब्रह्मा वरण 
  • कुशकण्डिका
  • आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  • घृताहुति
  • मूलमन्त्र आहुति 
  •  चरुहोम
  • भूरादि नौ आहुति
  •  स्विष्टकृत आहुति
  • पवित्रप्रतिपत्ति
  • संस्रवप्राशन 
  • मार्जन
  • पूर्णपात्र दान
  • प्रणीता विमोक
  • मार्जन 
  • बर्हिहोम 
  • पूर्णाहुति, आरती, भोग, विसर्जन  आदि
Benefits
  • उत्साह वर्धन :- मनुष्य के उत्साह में वृद्धि होती है
  • ऐश्वर्य प्राप्ति :- सूक्त पाठ के प्रभाव से मनुष्य को विभिन्न ऐश्वर्यों की प्राप्ति होती है।
  • शत्रु विजय प्राप्ति :- मनुष्य अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है ।
  • धन प्राप्ति :- भगवान् मन्यु की कृपा से धन समृद्धि की प्राप्ति होती है ।
  • काम-क्रोध-ईर्ष्या-द्वेष इत्यादि की निवृत्ति भी होती है।
Puja Samagri

रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीरगुलाल, अभ्रकगङ्गाजल, गुलाबजलइत्र, शहदधूपबत्ती, रुईबत्ती, रुईयज्ञोपवीत, पीला सरसोंदेशी घी, कपूरमाचिस, जौदोना छोटा, पञ्चमेवाअष्टगन्ध चन्दन, गरी गोलाचावल (छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री ,पीला कपड़ा सूतीहवन सामग्री, कमल गट्टा -21, घीगुड़(बूरा या शक्कर), पानपत्ता, बलिदान हेतु पापड़, काला उडद, हवन कुण्ड, नवग्रह समिधाघृत पात्र, कुशा, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध -100ML, दही -50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसारफल विभिन्न प्रकार (आवश्यकतानुसार), दूर्वादल (घास) - 1मुठ, पान का पत्ता – 05, पुष्प विभिन्न प्रकार -2 kg, पुष्पमाला -5(विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव –2, थाली -2 , कटोरी -5 ,लोटा -2 , चम्मच -आदि , अखण्ड दीपक -1, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित , पानी वाला नारियल, देवताओं के लिए वस्त्र -गमछा धोती  आदि, बैठने हेतु दरी, चादर, आसन 

 

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"मन्यु सूक्त" अद्भुत मन्त्रों का समूह है, जिसका पाठ विशेष रूप से मनुष्य में उत्साह शक्ति के संचार हेतु किया जाता है। ऋग्वेद में दशम मण्डल के अन्तर्गत् ८३,८४ वाँ यह सूक्त प्राप्त होता है। मन्यु सूक्त में मन्युदेवता परक मन्त्र हैं जिस कारण ये मन्त्र मन्युसुक्त कहलाते हैं। इस दोनों सूक्तों के ऋषि मन्युस्तापस हैं। सूक्त में मन्युदेवता का अर्थ परम उत्साह शक्ति संपन्न देवता के स्वरुप में किया गया है। सूक्त में मन्त्रों के माध्यम से ऋषि ने मनुष्य की उत्साहशक्ति को ईश्वरीय परमशक्ति के साथ जोड़ा है एवं प्रार्थना की है, हे देव ! आप हमारी प्रार्थना स्वीकार करें एवं विभिन्न कार्यों के निमित्त हमें सामर्थ्य प्रदान करें, जिससे हम काम, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष, मोह, लोभ, मात्सर्य इत्यादि दोषों पर विजय प्राप्त कर सकें। भगवान् मन्यु में इन्द्र, वरुण, आदि देवताओं की शक्ति प्रतिष्ठित बतलाई गयी है। इस सूक्त में "मन्यु" शब्द के विभिन्न अर्थ हैं -“क्रोध, साहस, शक्ति आदि। यह सूक्त व्यक्ति के मानसिकशक्ति और आत्मविश्वास को जागृत करता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो मानसिक रूप से किसी कार्य को करते हुए स्वयं को महसूस करते हैं, या जिनमें आत्सामबल की कमी होती है, ऐसे जातकों को यह अनुष्ठान संपन्न करना चाहिए।

Process

मन्यु सूक्त पाठ में प्रयोग विधि :-

  • स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  • पूजा सङ्कल्प
  • गणपति गौरी पूजन
  • कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  • षोडशमातृका पूजन
  • सप्तघृतमातृका पूजन
  • आयुष्यमन्त्रपाठ
  • नवग्रह मण्डल पूजन
  • अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  • पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  • रक्षाविधान 
  • प्रधान देवता पूजन
  • पंचभूसंस्कार
  • अग्नि स्थापन
  • ब्रह्मा वरण 
  • कुशकण्डिका
  • आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  • घृताहुति
  • मूलमन्त्र आहुति 
  •  चरुहोम
  • भूरादि नौ आहुति
  •  स्विष्टकृत आहुति
  • पवित्रप्रतिपत्ति
  • संस्रवप्राशन 
  • मार्जन
  • पूर्णपात्र दान
  • प्रणीता विमोक
  • मार्जन 
  • बर्हिहोम 
  • पूर्णाहुति, आरती, भोग, विसर्जन  आदि
Benefits
  • उत्साह वर्धन :- मनुष्य के उत्साह में वृद्धि होती है
  • ऐश्वर्य प्राप्ति :- सूक्त पाठ के प्रभाव से मनुष्य को विभिन्न ऐश्वर्यों की प्राप्ति होती है।
  • शत्रु विजय प्राप्ति :- मनुष्य अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है ।
  • धन प्राप्ति :- भगवान् मन्यु की कृपा से धन समृद्धि की प्राप्ति होती है ।
  • काम-क्रोध-ईर्ष्या-द्वेष इत्यादि की निवृत्ति भी होती है।

Puja Samagri

रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीरगुलाल, अभ्रकगङ्गाजल, गुलाबजलइत्र, शहदधूपबत्ती, रुईबत्ती, रुईयज्ञोपवीत, पीला सरसोंदेशी घी, कपूरमाचिस, जौदोना छोटा, पञ्चमेवाअष्टगन्ध चन्दन, गरी गोलाचावल (छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री ,पीला कपड़ा सूतीहवन सामग्री, कमल गट्टा -21, घीगुड़(बूरा या शक्कर), पानपत्ता, बलिदान हेतु पापड़, काला उडद, हवन कुण्ड, नवग्रह समिधाघृत पात्र, कुशा, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध -100ML, दही -50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसारफल विभिन्न प्रकार (आवश्यकतानुसार), दूर्वादल (घास) - 1मुठ, पान का पत्ता – 05, पुष्प विभिन्न प्रकार -2 kg, पुष्पमाला -5(विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव –2, थाली -2 , कटोरी -5 ,लोटा -2 , चम्मच -आदि , अखण्ड दीपक -1, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित , पानी वाला नारियल, देवताओं के लिए वस्त्र -गमछा धोती  आदि, बैठने हेतु दरी, चादर, आसन 

 

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मन्यु सूक्त पाठ एवं होम

वैदिक सूक्तपाठ एवं होम | Duration : 3 Hours
Price : ₹ 2100 onwards
Price Range: 2100 to 5100

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