About Puja
भगवान् विष्णु के परमदिव्य इस सूक्त के द्रष्टा दीर्घतमा ऋषि हैं। भगवान् विष्णु के विविध स्वरुपों का इसं सूक्त में वर्णन है। अद्वितीय परमात्मा को ही “महाविष्णु” कहा जाता है। यज्ञ एवं जल का उत्पादन करने वाले भगवान् सूर्य को भी भगवान् विष्णु के स्वरुप में पूजा जाता हैं। भगवान् विष्णु पुरातन एवं जगत् के स्रष्टा हैं। वामन अवतार में भगवान् विष्णु ने ही भूमि, अन्तरिक्ष एवं द्युलोक को तीन चरणों (पगों) में माप दिया। सम्पूर्ण जगत् को धारण करने वाले भगवान् विष्णु ही हैं। साधक भगवान् विष्णु के नाम, गुण, रूप, लीला का स्मरण स्मरण करते हुए परमपद को प्राप्त करता है। परब्रह्म परमात्मा की प्राप्ति ही अनादिकाल से मनुष्य का परम लक्ष्य है। जो मनुष्य परमात्मा की ओर प्रवृत्त होता है, भगवान् स्वयं भी उसकी और उन्मुख होते हैं तथा मनुष्य को मनोवांछित फल प्रदान कर अनुगृहीत करते हैं। भगवान् नारायण की व्यापकता युग युगों में व्याप्त रही है।
Process
विष्णु सूक्त प्रयोग विधि :-
- स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
- प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
- गणपति गौरी पूजन
- कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
- षोडशमातृका पूजन
- सप्तघृतमातृका पूजन
- नवग्रह मण्डल पूजन
- अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
- पञ्चलोकपाल, दशदिक्पाल, वास्तुपुरुष आवाहन एवं पूजन
- रक्षाविधान,
- प्रधान देवता पूजन
- पाठ विधान
- विनियोग,करन्यास, हृदयादिन्यास
- ध्यानम्, स्तोत्र पाठ
- पंचभूसंस्कार, अग्नि स्थापन, ब्रह्मा वरण, कुशकण्डिका
- आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
- घृताहुति, मूलमन्त्र आहुति, चरुहोम
- भूरादि नौ आहुति स्विष्टकृत आहुति, पवित्रप्रतिपत्ति
- संस्रवप्राश, मार्जन, पूर्णपात्र दान
- प्रणीता विमोक, मार्जन, बर्हिहोम
- पूर्णाहुति, आरती, विसर्जन
Benefits
- मानसिक शांति और संतुलन :- विष्णु सूक्त का पाठ मानसिक तनाव और चिंता को दूर करता है। यह पाठ व्यक्ति को शांति और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।
- धन और समृद्धि की प्राप्ति :-भगवान् विष्णु की कृपा से व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि का वास होता है। विष्णु सूक्त का पाठ आर्थिक रूप से समृद्धि और सुख की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
- रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ :- विष्णु सूक्त का पाठ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। भगवान् विष्णु की उपासना से रोगों का नाश होता है और व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- कार्यों की सिद्धि :- भगवान् विष्णु के इस सूक्त का पाठ करने से उपासक को समस्त कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- आयु वृद्धि :- विष्णु सूक्त पाठ के प्रभाव से साधक को दीर्घायु की प्राप्ति तथा व्यापार आदि में वृद्धि होती है।
Puja Samagri
रोली, कलावा, सिन्दूर, लवङ्ग, इलाइची, सुपारी, हल्दी, अबीर, गुलाल, अभ्रक, गङ्गाजल, गुलाबजल, इत्र, शहद, धूपबत्ती, रुईबत्ती, रुई, यज्ञोपवीत, पीला सरसों, देशी घी, कपूर, माचिस, जौ, दोना बड़ा साइज, पञ्चमेवा, गरी गोला, चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, सर्वोषधि, पञ्चरत्न, मिश्री, पीला कपड़ा सूती, काला तिल, चावल, कमलगट्टा, हवन सामग्री, घी, गुग्गुल, गुड़ (बूरा या शक्कर), बलिदान हेतु पापड़, काला उडद, पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी, हवन कुण्ड ताम्र का 10/10 इंच या 12/12 इंच, नवग्रह समिधा, हवन समिधा, घृत पात्र, कुशा, वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1, गाय का दूध - 100ML, दही - 50ML, मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार, फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार ), दूर्वादल (घास ) - 1मुठ, पान का पत्ता – 07, पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg, पुष्पमाला - 5 ( विभिन्न प्रकार का), आम का पल्लव – 2, तुलसी पत्र -7, पानी वाला नारियल, बिल्वपत्र, देवताओं के लिए वस्त्र -गमछा, धोती आदि, बैठने हेतु दरी,चादर,आसन, तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित